विषय सूची:-
1. आर्थिक विकास : अर्थ, माप, संकेतक व निर्धारक 2. सतत् या पोषणीय विकास 3. आर्थिक विकास में बाधाएँ अथवा अर्द्ध – विकास या अल्पविकास के कारण 4. मिर्डल का चक्रीय कार्यकारण सिद्धान्त 5. जनसंख्या समस्या एवं जनसंख्या विकास का प्रतिरूप 6. बचत, विनियोग एवं पूँजी निर्माण 7. तकनीक अथवा प्रौद्योगिकी के चुनाव की समस्या 8. बाजार, बाजार असफलताएँ एवं सरकार की भूमिका 9. लुइस का श्रम की असीमित पूर्ति सिद्धान्त 10. आर्थिक संवृद्धि को प्रभावित करने वाले घटक : श्रम, पूँजी व तकनीकी 11. आर्थिक विकास में निवेश मानदण्ड 12. मानव संसाधन और आर्थिक विकास 13. आर्थिक विकास का प्रतिष्ठित सिद्धान्त 14. आर्थिक विकास के सिद्धान्त – मार्क्स 15. आर्थिक विकास के सिद्धान्त – शुम्पीटर 16. रोस्टोव की आर्थिक वृद्धि की अवस्थाएँ 17. लेबेन्सटीन का न्यूनतम आवश्यक प्रयत्न सिद्धान्त 18. नेल्सन का निम्न स्तरीय सन्तुलन अवरोध ( पाश ) का सिद्धान्त 19. रोडान का ‘ बड़े धक्के ‘ का सिद्धान्त 20. सन्तुलित एवं असन्तुलित विकास सिद्धान्त 21. परियोजना मूल्यांकन तथा लागत – लाभ विश्लेषण 22. पर्यावरण अर्थव्यवस्था अन्तर्ससम्बध एवं जनसंख्या पर्यावरण अन्तर्सम्बन्ध 23. पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु तथा बाजार की असफलता एवं पर्यावरण 24. पर्यावरणीय क्षति के प्रभावों का मूल्यांकन : भूमि, जल, वायु, ध्वनि एवं वन |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. पुष्पा सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ.पुष्पा सिन्हा की शैक्षिक योग्यता में एम.ए., एल.टी. और पी.एच.डी. की डिग्री शामिल है।
ISBN | 978-93-5047-352-8 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 1.5 |
Weight (Gram) | 300 |
Pages | 230 |
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