विषय सूची:-
1. प्रारम्भिक : प्रबन्ध – अर्थ, अवधारणा, प्रकृति, प्रक्रिया एवं महत्ता 2. प्रबन्धकीय भूमिकाएँ ( मिण्टिजबर्ग ) -प्रबन्ध के क्रियात्मक क्षेत्रों पर दृष्टिपात 3. प्रबन्ध विचारधारा का विकास – चिर – प्रतिष्ठित ( संस्थापक ), नव चिर – प्रतिष्ठित ( नव – संस्थापक ) तथा सांयोगिक ( आकस्मिकता ) दृष्टिकोण 4. नियोजन 5. निर्णय अथवा निर्णयन 6. उद्देश्यों द्वारा प्रबन्ध अथवा लक्ष्यों द्वारा प्रबन्ध 7. समामेलित नियोजन, पर्यावरण विश्लेषण, निदान तथा कार्य – नीति ( व्यूहरचना अथवा मोर्चाबन्दी या रणनीति ) का निर्माण 8. संगठन 9. अधिकार एवं उत्तरदायित्व सम्बन्ध 10. केन्द्रीयकरण तथा विकेन्द्रीयकरण 11. विभागीकरण 12. संगठन संरचना – प्रारूप एवं सांयोगिक अथवा आकस्मिक घटक 13. अभिप्रेरण अथवा उत्प्रेषण 14. नेतृत्व 15. सन्देशवाहन अथवा सम्प्रेषण 16. प्रबन्धकीय नियन्त्रण 17. परिवर्तन का प्रबन्ध |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक श्री आर.सी.अग्रवाल एवं श्री संजय अग्रवाल हैं। श्री आर.सी.अग्रवाल श्री जैन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकानेर के स्नातकोत्तर व्यवसाय विभाग के पूर्व प्राचार्य एवं अध्यक्ष हैं। श्री संजय अग्रवाल चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं एवं उनकी शैक्षिक योग्यता में एम.कॉम. एवं एफ.सी.ए शामिल है।
ISBN | 978-93-5047-485-3 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.0 |
Weight (Gram) | 450 |
Pages | 394 |
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