विषय सूची:-
1. राजस्व का अर्थ एवं क्षेत्र 2. सार्वजनिक वस्तुएँ व निजी वस्तुएँ 3. अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धान्त 4. बजट की अवधारणा, वर्गीकरण एवं तैयारी 5. सार्वजनिक आय के स्रोत व करारोपण 6. करारोपण के लाभ एवं करदान योग्यता का सिद्धान्त 7. कर का कराघात व करापात 8. अर्थव्यवस्था पर करारोपण के प्रभाव 9. सार्वजनिक व्यय : मॉडल, वर्गीकरण एवं सिद्धान्त 10. सार्वजनिक व्यय के उत्पादन एवं वितरण पर प्रभाव 11. सार्वजनिक ऋण : वर्गीकरण, प्रभाव, भार व प्रबन्धन 12. सार्वजनिक ऋणों का शोधन ( भुगतान ) 13. राजकोषीय नीति एवं स्थिरता 14. राजकोषीय नीति एवं आर्थिक विकास 15. केन्द्रीय सरकार के आय ( आगम ) के स्रोत 16. राज्य सरकारों की आय ( आगम ) के स्रोत 17. भारतीय कर प्रणाली 18. भारत में सार्वजनिक व्यय 19. भारतीय संघीय वित्त व्यवस्था 20. अन्तक्षेत्रीय व्यापार तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार 21. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त 22. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का अवसर लागत सिद्धान्त 23. पारस्परिक माँग विश्लेषण 24. व्यापार की शर्ते : अवधारणा एवं माप 25. स्वतन्त्र व्यापार और संरक्षण 26. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रशुल्क बाधाएँ 27. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में गैर प्रशुल्क बाधाएँ 28. भुगतान सन्तुलन 29. भारत में विदेशी व्यापार की नवीन प्रवृत्तियाँ व निर्यात प्रोत्साहन 30. भारत की विदेशी व्यापार नीति |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. पुष्पा सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ.पुष्पा सिन्हा की शैक्षिक योग्यता में एम.ए., एल.टी. और पी.एच.डी. की डिग्री शामिल है।
ISBN | 978-93-5047-493-8 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2 |
Weight (Gram) | 400 |
Pages | 356 |
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