• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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The post भारतीय अर्थव्यवस्था एवं उ. प्र. की अर्थव्यवस्था (Arthshashtra) For B.A. Sem.-6 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>अध्याय – 1. भारतीय अर्थव्यवस्था-संरचना एवं विशेषताएँ तथा एक विकासशील अर्थव्यवस्था 2. भारत के राज्यों का तुलनात्मक आर्थिक विकास 3. कृषि क्षेत्र-संस्थागत सुधार एवं तकनीकी परिवर्तन 4. कृषि और उद्योग के बीच व्यापार की शर्तें 5. भारत में कृषि कीमत नीति 6. सतत कृषि के लिए नीतियाँ 7. कृषि संकट 8. कृषि श्रम 9. भारत का औद्योगिक क्षेत्र 10. भारत में औद्योगिक नीति एवं सुधार 11. औद्योगिक लाइसेंसिंग नीति- एम.आर.टी.पी. 12. भारत में सार्वजनिक उद्यम 13. निजीकरण एवं विनिवेश 14. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम 15. भारत में वृहद् उद्योग 16. औद्योगिक श्रम 17. श्रम संघ आन्दोलन 18. भारत में नियोजन-उद्देश्य, रणनीति एवं सफलता की कहानी 19. नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) 20. समावेशी विकास की रणनीति 21. विकास के लिए संसाधन जुटाना 22. उ. प्र. की अर्थव्यवस्था- प्रकृति, विशेषताएँ, प्राकृतिक संसाधन एवं जनांकिकी 23. उत्तर प्रदेश में वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले कारक (आर्थिक एवं गैर-आर्थिक) 24. उत्तर प्रदेश में क्षेत्रवार आर्थिक वृद्धि पैटर्न एवं भारतीय व्यवस्था से तुलना 25. उत्तर प्रदेश का आधारभूत संरचना विकास 26. भूमि व्यवस्था एवं सुधार – उत्तर प्रदेश में कृषि जोत, चकबन्दी एवं सिंचाई 27. उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता-कृषि यन्त्रीकरण, फसल विविधीकरण, कृषि नीति एवं कृषि ऋण 28. उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास 29. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास-समस्याएँ, नीतियाँ एवं प्रमुख उद्योग 30. सेवा क्षेत्र एवं उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों से संयोजन 31. उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम – एक उत्पाद – एक जिला |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | 978-81-19142-73-6 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.5 |
Weight (Gram) | 450 |
Pages | 400 |
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]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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The post प्रारम्भिक सांख्यिकी पर आधारित परियोजना (Elementry Statistics Based Project) Arthshashtra For B.A. Sem.-5 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>अध्याय – 1. सांख्यिकी: प्रकृति, क्षेत्र, महत्व एवं इसका अर्थशास्त्र में उपयोग 2. आँकड़े संकलन की विधियाँ 3. वर्गीकरण तथा सारणीयन 4. आवृत्ति वितरण एवं उनका बिन्दुरेखीय प्रदर्शन 5. चित्रमय प्रदर्शन 6. केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप: समान्तर माध्य, मध्यका एवं बहुलक 7. अपकिरण-विचरणशीलता के मापन 8. विषमता एवं पृथुशीर्षत्व 9. सह-सम्बन्ध एवं सह-सम्बन्ध गुणांक 10. निर्देशांक (सूचकांक) 11. काल-श्रेणी का विश्लेषण 12. प्रतीपगमन विश्लेषण 13. निदर्शन 14. उपकल्पना • परिशिष्ट |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2 |
Weight (Gram) | 450 |
Pages | 412 |
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]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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The post पर्यावरणीय अर्थशास्त्र (Environmental Economics) Arthshashtra For B.A. Sem.-5 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>अध्याय – 1. पर्यावरणीय मुद्दे एवं समस्याएँ-परिचय एवं समस्याओं की आर्थिक सोच 2. अर्थशास्त्र एवं पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की मौलिक अवधारणाएँ 3. पेरेटो इष्टतमता एवं बाजार विफलता 4. पर्यावरण नीति-डिजाइन एवं कार्यान्वयन 5. पर्यावरणीय मूल्यांकन की विधियाँ एवं अनुप्रयोग 6. सतत् या पोषणीय विकास 7. बाह्यता का सिद्धान्त-सकारात्मक तथा नकारात्मक बाह्यता 8. सार्वजनिक वस्तुएँ बनाम निजी वस्तुएँ 9. बाजार विफलता एवं पिगोवियन कर 10. कोज़ प्रमेय एवं सम्पत्ति अधिकार 11. इको-लेबलिंग एवं इको-दक्षता या पर्याव 12. विकास मॉडल की सामाजिक सीमाएँ एवं हरित लेखांकन 13. पर्यावरणीय मूल्यांकन 14. भारतीय संविधान एवं पर्यावरण 15. पर्यावरणीय प्रबन्ध तन्त्र एवं पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन 16. पर्यावरणीय शिक्षा एवं जागरूकता 17. पर्यावरणीय नैतिकता सम्बन्धी मुद्दे 18. भारत में पर्यावरणीय शिक्षा 19. मानव जनसंख्या एवं पर्यावरण 20. विश्व व्यापार संगठन में व्यापार एवं पर्यावरण की व्यवस्था 21. जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत का हास, अम्ल वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग एवं ग्रीन हाउस प्रभाव 22. भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे एवं कानून तथा पर्यावरण संरक्षण में न्यायपालिका की भूमिका 23. कार्बन व्यापार |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.5 |
Weight (Gram) | 300 |
Pages | 272 |
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]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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]]>अध्याय – 1. अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र – आवश्यकता, महत्व एवं क्षेत्र 2. वणिकवाद एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रतिष्ठित सिद्धान्त 3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का अवसर लागत सिद्धान्त 4. व्यापार की शर्तें एवं पारस्परिक माँग का सिद्धान्त 5. स्वतन्त्र व्यापार और संरक्षण 6. अल्प विकसित देशों में संरक्षण की नीति 7. आर्थिक एकीकरण एवं सीमा शुल्क संघ 8. दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र 9. ब्रिक्स सम्मेलन 10. इब्सा 11. भुगतान सन्तुलन एवं लोच दृष्टिकोण – मार्शल – लर्नर की स्थिति 12. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धांत या हक्शर-ओहलिन सिद्धांत एवं लियोन्टीफ का विरोधाभास 13. तकनीकी गैप अथवा नकली गैप मॉडल 14. कुगमैन मॉडल एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास पर प्रभाव 15. निर्यात निराशावाद एवं असंयमित विकास 16. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से लाभ 17. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष 18. अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक 19. एशियाई विकास बैंक 20. व्यापार एवं प्रशुल्क विषयक सामान्य समझौता 21. विश्व व्यापार संगठन, ट्रिप्स एवं ट्राइम्स 22. संयुक्त राष्ट्र संघों का व्यापार एवं विकास सम्मेलन – अंकटाड 23. उत्तर-दक्षिण संवाद 24. दक्षिण-दक्षिण सहयोग 25. विश्वबन्धन 26. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 27. आयात अभ्यंश – अर्थ, प्रकार एवं प्रभाव 28. प्रशुल्क – अर्थ, प्रकार एवं प्रभाव 29. नॉन-टैरिफ बाधाएँ – अर्थ एवं प्रकार 30. विदेशी विनिमय दर : प्रकार एवं सिद्धान्त |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.5 |
Weight (Gram) | 300 |
Pages | 272 |
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]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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]]>अध्याय – 1. आर्थिक संवृद्धि एवं विकास-अर्थ, परिभाषाएँ एवं विशेषताएँ 2. विकास एवं विकास अन्तराल का मापन-राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय 3. आर्थिक संवृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले घटक 4. गरीबी एवं असमानता की धारणा-लॉरेन्ज वक्र एवं गिनी गुणांक 5. निर्धनता या गरीबी का दुश्चक्र 6. मानव विकास की अवधारणा, मानव विकास सूचकांक 7. विकास एवं धारणीयता (सततता) – सतत् विकास की अवधारणा 8. सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य बनाम् सतत् विकास लक्ष्य 9. आर्थर लुइस का असीमित श्रमपूर्ति का सिद्धान्त 10. “प्रबल प्रयास” सिद्धान्त या “बड़ा धक्का” सिद्धान्त 11. नेल्सन का निम्न स्तरीय सन्तुलन अवरोध (पाश) का सिद्धान्त 12. सन्तुलित एवं असन्तुलित विकास सिद्धान्त 13. रोस्टोव की आर्थिक वृद्धि की अवस्थाएं 14. हैरड तथा डोमर के संवृद्धि मॉडल 15. जनांकिकी संक्रमण का सिद्धान्त 16. जनसंख्या वृद्धि की सीमा के रूप में 17. समावेशी संवन्दि (विकास) की अवधारणा- भारत के सन्दर्भ में 18. बाजार असफलताएं एवं सरकार की असफलताएं 19. खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण 20. लिंग और विकास 21. विकसित तथा अर्द्ध-विकसित (विकासशील) अर्थव्यवस्था 22. मिर्डल का विकास का चक्रीय कार्यकारण सिद्धान्त 23. द्वैतवाद के आर्थिक सिद्धान्त 24. दोहरी अर्थव्यवस्था का मॉडल – लुईस 25. फाई-रेनिस का दोहरी अर्थव्यवस्था का मॉडल 26. अर्थव्यवस्था का द्वैतवाद सिद्धान्त-जॉर्गेन्सन 27. अल्प-विकास का निर्भरतापरक सिद्धान्त 28. तकनीकी प्रगति के मॉडल 29. सोलो का दीर्घकालीन विकास मॉडल 30. काल्डोर का आर्थिक वृद्धि मॉडल 31. अन्तर्जात संवृद्धि 32. आर्थिक विकास में बौद्धिक पूंजी-ज्ञान, शिक्षा एवं शोध की भूमिका 33. विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक वृद्धि के स्तरों में अन्तर एवं सूचना प्रतिमान – जोसेफ स्टिग्लिट्ज 34. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, सहायता, वित्त एवं बहुराष्ट्रीय निगम तथा विकासशील देश 35. विकासशील देशों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व 36. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं विदेशी संस्थागत निवेशक 37. प्रौद्योगिकी एवं प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण की भूमिका |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.5 |
Weight (Gram) | 500 |
Pages | 344 |
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]]>This book is the 1st part of the book Macro Economics. The 2nd part is Introductory Micro Economics.
For Table of Contents Scroll Down.
The post Economics For Class XII (NCERT/CBSE) According to NEP-2020 appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>Part A
1. Economics : An Introduction 2. Consumer’s Equilibrium 3. Demand 4. Elasticity of Demand 5. Production Function : Returns to a Factor and Returns to Scale 6. Cost of Production 7. Concept of Revenue 8. Producer’s Equilibrium : Meaning And Conditions 9. Supply, Law of Supply and Elasticity of Supply 10. Different Forms of Market : Meaning and Features 11. Price Determination and Simple Applications
Part B
1. Macro Economics: Meaning 2. Some Basic Concepts of Macro Economics 3. Circular Flow of Income 4. Concepts and Aggregates Related to National Income 5. Measurement of National Income 6. Money: Meaning, Evolution and Function 7. Commercial Banks and Credit Creation 8. Central Bank: Meaning and Functions 9. Indian Banking System: Recent Reforms and Issues 10. Aggregate Demand and Aggregate Supply 11. Determination of Equilibrium Level of Income, Employment and Output 12. Investment Multiplier and its Working 13. Problems of Deficient and Excess Demand 14. Measures to Correct Deficient and Excess Demand 15. Government Budget and the Economy 16. Foreign Exchange Rate 17. Balance of Payments.
More Information:-
The authors of this book are Dr. Harish Chandra Sharma and Dr. Mohan Singhal.
ISBN | 978-93-90498-79-1 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 3 |
Weight (Gram) | 750 |
Pages | 672 |
The post Economics For Class XII (NCERT/CBSE) According to NEP-2020 appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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The post मुद्रा, बैंकिंग एवं राजस्व (Money, Banking & Public Finance) Arthshashtra For B.A. Sem.-4 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>अध्याय – मुद्रा एवं बैंकिंग
1. मुद्रा- अर्थ एवं कार्य 2. मुद्रा के प्रकार 3. ग्रेशम का नियम 4. मुद्रा की भूमिका (महत्व) : पूँजीवादी, समाजवादी एवं मिश्रित अर्थव्यवस्थाओं में 5. मुद्रामान-स्वर्णमान 6. पत्र मुद्रामान एवं नोट निर्गमन के सिद्धान्त 7. मुद्रा के परिमाण सिद्धान्त (व्यावसायिक एवं नकद शेष दृष्टिकोण) 8. कीन्स का मौलिक समीकरण 9. मुद्रा मूल्य का आय सिद्धांत या बचत एवं विनियोग सिद्धांत 10. मुद्रा की पूर्ति एवं उच्च शक्ति मुद्रा 11. व्यापारिक (वाणिज्यिक) बैंकिंग – अर्थ, प्रकार एवं कार्य 12. बैंकों द्वारा साख सृजन 13. बैंक का स्थिति-विवरण (चिट्ठा) 14. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग 15. भारत में बैंकिंग क्षेत्र में आधुनिक सुधार 16. केन्द्रीय बैंक एवं उसके कार्य 17. रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया 18. भारतीय रिजर्व बैंक एवं मौद्रिक नियन्त्रण अथवा भारत की मौद्रिक नीति |
राजस्व
1. राजस्व का अर्थ एवं क्षेत्र 2. सार्वजनिक वस्तुएँ बनाम निजी वस्तुएँ 3. अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धान्त 4. बाजार असफलताएँ एवं सरकार की भूमिका 5. सार्वजनिक व्यय : अर्थ, वर्गीकरण एवं सिद्धान्त 6. लोक व्यय के प्रभाव 7. भारत में लोक व्यय 8. सार्वजनिक आय के स्रोत-करारोपण का अर्थ, सिद्धान्त एवं अच्छी-कर प्रणाली की विशेषताएँ 9. करारोपण – उद्देश्य व संरचना (वर्गीकरण) 10. करारोपण के लाभ एवं करदेय योग्यता का सिद्धान्त 11. कर का कराघात व करापात 12. करदान क्षमता 13. करारोपण के प्रभाव 14. राजकोषीय नीति 15. राजकोषीय नीति एवं आर्थिक विकास 16. बजट संरचना एवं प्रकार 17. केन्द्रीय सरकार की आय एवं व्यय 18. राज्य सरकारों की आय एवं व्यय 19. भारतीय कर प्रणाली की विशेषताएँ एवं सुधार 20. भारतवर्ष में वित्तीय संघवाद एवं वित्त आयोग 21. संघ व राज्य सरकारों के मध्य वित्तीय सम्बन्ध 22. स्थानीय वित्त-व्यवस्था 23. स्थानीय संस्थाओं की वित्तीय स्थिति |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | 978-93-92208-83-6 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.5 |
Weight (Gram) | 500 |
Pages | 264 |
The post मुद्रा, बैंकिंग एवं राजस्व (Money, Banking & Public Finance) Arthshashtra For B.A. Sem.-4 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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The post आर्थिक विचारों का इतिहास (History of Economics Thought) Arthshashtra For B.A. Sem.-3 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>1. आर्थिक विचारों के इतिहास की अवधारणा एवं महत्व 2. कौटिल्य एवं वैल्यूवर के आर्थिक विचार 3. आधुनिक भारत की आर्थिक विचारधारा – दादाभाई नौरोजी एवं रमेशचन्द्र दत्त 4. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया 5. महात्मा गाँधी के आर्थिक विचार 6. पण्डित दीनदयाल उपाध्याय 7. जे. के. मेहता 8. अमर्त्य सेन के आर्थिक विचार 9. जे. एन. भगवती एवं ए. के. माथुर के आर्थिक विचार 10. प्लेटो एवं अरस्तु के आर्थिक विचार 11. वाणिज्यवाद- थॉमस मुन 12. प्रकृतिवाद – टर्गट, पेटी, ह्यूम एवं लॉक 13. प्रतिष्ठित काल – एडम स्मिथ 14. डेविड रिकार्डों 15. थॉमस राबर्ट माल्थस 16. सिसमॉण्डी 17. कार्ल मार्क्स 18. जे. बी. से. के आर्थिक विचार 19. जॉन स्टुअर्ट मिल 20. मार्शल 21. आर्थर सेसिल पीगू 22. विकस्टीड एवं शुम्पीटर 23. सीमान्तवादी सम्प्रदाय जेवन्स, वालरस, मेजर, वीजर व बावर्क 24. कूर्नो, गोसेन, विक्सेल एवं फिशर के आर्थिक विचार |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2 |
Weight (Gram) | 300 |
Pages | 264 |
The post आर्थिक विचारों का इतिहास (History of Economics Thought) Arthshashtra For B.A. Sem.-3 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>• पुस्तक में प्रायोगिक कार्य शामिल हैं।
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The post अर्थशास्त्र (Economics) Arthshashtra For B.A. Sem.-2 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>1. समष्टि अर्थशास्त्र – एक परिचय 2. राष्ट्रीय आय एवं हरित राष्ट्रीय आय 3. राष्ट्रीय आय का मापन 4. राष्ट्रीय आय लेखा विधि या लेखांकन 5. आय का चक्रीय प्रवाह तथा राष्ट्रीय आय समिकाएँ 6. राष्ट्रीय आय तथा आर्थिक कल्याण 7. रोजगार के निर्धारण का सिद्धान्त – प्रतिष्ठित सिद्धान्त 8. ‘ से ‘ का बाजार नियम 9. कीन्स का रोजगार सिद्धान्त – आय एवं रोजगार के निर्धारक 10. उपभोग फलन व उपभोग का मनोवैज्ञानिक नियम 11. विनियोग क्रिया (फलन) एवं विनियोग के निर्धारक तत्व 12. पूंजी की सीमान्त उत्पादकता 13. बचत एवं विनियोग सिद्धान्त 14. त्वरक का सिद्धान्त 15. गुणक का सिद्धान्त 16. ब्याज की दर व सिद्धान्त 17. IS और LM फलन – वस्तु और मुद्रा बाजारों का सामान्य सन्तुलन 18. मुद्रास्फीति या प्रसार – धारणा व सिद्धान्त 19. मुद्रास्फीति के मौद्रिक व गैर – मौद्रिक सिद्धान्त 20. फिलिप्स वक्र – मुद्रास्फीति और बेरोजगारी दर का निर्धारण |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | 978-93-92208-44-7 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 1.5 |
Weight (Gram) | 300 |
Pages | 247 |
The post अर्थशास्त्र (Economics) Arthshashtra For B.A. Sem.-2 (According to NEP-2020) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>• English Edition and Solution of this book is also available.
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The post Economics (अर्थशास्त्र) Arthshashtra For Class XII (CBSE/NCERT) appeared first on Sahitya Bhawan.
]]>व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
1. अर्थशास्त्र : एक परिचय ( व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएँ ) 2. उपभोक्ता सन्तुलन ( उपयोगिता विश्लेषण एवं उदासीनता वक्र विश्लेषण ) 3. माँग एवं माँग का नियम 4. माँग की लोच 5. उत्पादन फलन – एक साधन के प्रतिफल एवं पैमाने के प्रतिफल 6. उत्पादन लागते 7. आगम की अवधारणाएँ 8. उत्पादक का सन्तुलन – अभिप्राय एवं शर्ते 9. पूर्ति, पूर्ति का नियम एवं पूर्ति की लोच 10. बाजार के विभिन्न रूप : अभिप्राय एवं विशेषताएँ 11. पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत निर्धारण – सन्तुलन कीमत 12. पूर्ति तथा माँग वक्रों के उपकरणों का सरल प्रयोग |
समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
1. समष्टि ( व्यापक ) अर्थशास्त्र : अभिप्राय 2. समष्टि अर्थशास्त्र की कुछ मूल अवधारणाएँ 3. आय का चक्रीय प्रवाह 4. राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित समुच्चय एवं अवधारणाएँ 5. राष्ट्रीय आय मापन 6. मुद्रा – अभिप्राय, उद्भव एवं कार्य 7. व्यापारिक बैंक एवं साख सृजन 8. केन्द्रीय बैंक : अभिप्राय एवं कार्य 9. भारतीय बैंकिंग प्रणाली – नवीनतम सुधार एवं मुद्दे 10. सामूहिक माँग एवं सामूहिक पूर्ति 11. आय, रोजगार तथा उत्पादन के सन्तुलन स्तर का निर्धारण 12. निवेश गुणक तथा उसका कार्यकरण 13. न्यून एवं अतिरेक माँग की समस्याएँ 14. न्यून माँग और अतिरेक (अत्यधिक) माँग को ठीक करने के उपाय 15. सरकारी बजट तथा अर्थव्यवस्था 16. विदेशी विनिमय दर 17. भुगतान शेष या सन्तुलन |
अतिरिक्त जानकारी :-
ISBN | 978-93-90498-59-8 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 3.5 |
Weight (Gram) | 1000 |
Pages | 719 |
The post Economics (अर्थशास्त्र) Arthshashtra For Class XII (CBSE/NCERT) appeared first on Sahitya Bhawan.
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