विषय सूची :-
अध्याय – 1. अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र – आवश्यकता, महत्व एवं क्षेत्र 2. वणिकवाद एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रतिष्ठित सिद्धान्त 3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का अवसर लागत सिद्धान्त 4. व्यापार की शर्तें एवं पारस्परिक माँग का सिद्धान्त 5. स्वतन्त्र व्यापार और संरक्षण 6. अल्प विकसित देशों में संरक्षण की नीति 7. आर्थिक एकीकरण एवं सीमा शुल्क संघ 8. दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र 9. ब्रिक्स सम्मेलन 10. इब्सा 11. भुगतान सन्तुलन एवं लोच दृष्टिकोण – मार्शल – लर्नर की स्थिति 12. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धांत या हक्शर-ओहलिन सिद्धांत एवं लियोन्टीफ का विरोधाभास 13. तकनीकी गैप अथवा नकली गैप मॉडल 14. कुगमैन मॉडल एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास पर प्रभाव 15. निर्यात निराशावाद एवं असंयमित विकास 16. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से लाभ 17. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष 18. अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक 19. एशियाई विकास बैंक 20. व्यापार एवं प्रशुल्क विषयक सामान्य समझौता 21. विश्व व्यापार संगठन, ट्रिप्स एवं ट्राइम्स 22. संयुक्त राष्ट्र संघों का व्यापार एवं विकास सम्मेलन – अंकटाड 23. उत्तर-दक्षिण संवाद 24. दक्षिण-दक्षिण सहयोग 25. विश्वबन्धन 26. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 27. आयात अभ्यंश – अर्थ, प्रकार एवं प्रभाव 28. प्रशुल्क – अर्थ, प्रकार एवं प्रभाव 29. नॉन-टैरिफ बाधाएँ – अर्थ एवं प्रकार 30. विदेशी विनिमय दर : प्रकार एवं सिद्धान्त |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. रितिका सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. रितिका सिन्हा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष हैं।
ISBN | |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.5 |
Weight (Gram) | 300 |
Pages | 272 |
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