विषय सूची:-
1. आर्थिक संवृद्धि एवं विकास : विशेषताएँ एवं मापन ( PQLI , HDI ) 2. अल्प विकास की निरन्तरता, निर्धनता एवं आय व धन की असमानताएँ 3. मानव पूँजी : अवधारणा व संघटक 4. जनसंख्या एवं आर्थिक विकास – जनांकिकी संक्रमण सिद्धान्त 5. जनसंख्या एवं पर्यावरण 6. आर्थिक विकास का प्रतिष्ठित सिद्धान्त 7. आर्थिक विकास का नव – प्रतिष्ठित सिद्धान्त – सोलो 8. मीड का नव – प्रतिष्ठित आर्थिक विकास का सिद्धान्त 9. श्रीमती जॉन रॉबिन्सन का आर्थिक विकास का सिद्धान्त 10. कार्ल मार्क्स का विकास का सिद्धान्त 11. शुम्पीटर एवं पूँजीवादी विकास 12. निर्धनता या गरीबी का दुश्चक्र 13. मिर्डल का चक्रीय कार्यकारण सिद्धान्त 14. आर्थर लुइस : श्रम की असीमित पूर्ति से आर्थिक विकास का मॉडल 15. रोडान का बड़े धक्के का सिद्धान्त 16. सन्तुलित एवं असन्तुलित विकास सिद्धान्त 17. लेबेन्स्टीन का न्यूनतम आवश्यक प्रयत्न सिद्धान्त 18. तकनीकी परिवर्तन ( प्रगति ) के मॉडल 19. हैरोड तथा डोमर के संवृद्धि मॉडल 20. आर्थिक विकास में कृषि की भूमिका एवं भूमि सुधार का महत्व 21. कृषि में कुशलता एवं उत्पादकता 22. नई तकनीक एवं पोषणीय कृषि 23. विश्वव्यापीकरण एवं कृषि विकास 24. औद्योगीकरण का औचित्य एवं स्वरूप 25. तकनीक अथवा प्रौद्योगिकी के चुनाव की समस्या 26. लघु पैमाने बनाम वृहद पैमाने का उत्पादन 27. कृषि एवं उद्योग के बीच व्यापार की शर्ते 28. अधोसंरचना एवं विकास में उसका महत्व 29. अर्द्धविकसित या विकासशील देशों में मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति की भूमिका 30. बाह्य संसाधन : विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग एवं सहायता बनाम व्यापार 31. तकनीकी सहायता एवं बहुराष्ट्रीय निगम 32. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं नीतियाँ 33. विकासशील देशों में विश्व बैंक की नीतियाँ |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. पुष्पा सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ.पुष्पा सिन्हा की शैक्षिक योग्यता में एम.ए., एल.टी. और पी.एच.डी. की डिग्री शामिल है।
ISBN | 978-93-5047-178-4 |
Size (Cm) | 24 x 16 x 2 |
Weight (Gram) | 425 |
Pages | 367 |
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