विषय सूची:-
1. मुद्रा : परिभाषा, कार्य एवं महत्व 2. मुद्रा की पूर्ति एवं उच्च शक्ति मुद्रा 3. वित्त : अर्थ, अर्थव्यवस्था में भूमिका एवं उसके प्रकार 4. वित्तीय प्रणाली – अर्थ, संघटक एवं महत्व 5. वित्तीय मध्यस्थ 6. वित्तीय बाजार के उपकरण एवं उनके कार्य 7. बैंक की परिभाषा एवं व्यापारिक बैंकों के कार्य व महत्व 8. भारतीय बैंकिंग प्रणाली एवं वाणिज्य बैंक व्यवस्था 9. बैंक का स्थिति विवरण (चिट्ठा) 10. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 11. भारत में सहकारी बैंक 12. बैंकों द्वारा साख का सृजन 13. विकास बैंक 14. भारत में गैर – बैंकिंग वित्तीय संस्थाएँ 15. भारत में गैर – नियमित साख बाजार 16. रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया 17. भारतीय रिजर्व बैंक एवं मौद्रिक नियन्त्रण 18. संस्थागत साख के आबंटन की समस्याएँ एवं नीतियाँ 19. राष्ट्रीयकरण के पूर्व एवं पश्चात् बैंकों के कार्य पर विवादजनित दबाव 20. ब्याज दरें 21. भारत में मुद्रा स्फीति व ब्याज दरें |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. जे.सी. वार्ष्णेय हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ. जे.सी. वार्ष्णेय इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, ग़ज़िआबाद में प्रबन्द वभाग में प्रोफेसर हैं।
ISBN | 978-93-5047-125-8 |
Size (Cm) | 24 x 16 x 1 |
Weight (Gram) | 350 |
Pages | 287 |
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