विषय सूची :-
1. अंकेक्षण की उत्पत्ति एवं विकास 2. कौटिल्य के अर्थशास्त्र में लेखांकन की पद्धति, अंकेक्षण एवं धोखाधड़ी जोखिम 3. अंकेक्षण का अर्थ, परिभाषा एवं क्षेत्र 4. अंकेक्षण के उद्देश्य एवं लाभ 5. अंकेक्षण का वर्गीकरण 6. अंकेक्षण पर मानक 7. स्वीकृत अंकेक्षण प्रथाओं पर घोषणा : वित्तीय पारदर्शिता एवं जबावदेही को कायम रखना 8. अंकेक्षण की तकनीक, तैयारी एवं कार्य-पद्धति 9. सांख्यिकीय नमूनाकरण 10. आन्तरिक नियन्त्रण, निरीक्षण एवं अंकेक्षण 11. प्रमाणन 12. सम्पत्तियों एवं दायित्वों का मूल्यांकन 13. सम्पत्तियों एवं दायित्वों का सत्यापन 14. कम्पनी अंकेक्षक की नियुक्ति, योग्यताएँ, पारिश्रमिक अधिकार और कर्तव्य 15. कम्पनी अंकेक्षक के दायित्व 16. कम्पनी का अंकेक्षण 17. विभिन्न संस्थाओं का अंकेक्षण 18. अंकेक्षक का प्रतिवेदन एवं प्रमाण-पत्र 19. विनिर्माण एवं अन्य कम्पनियाँ (अंकेक्षकों का प्रतिवेद) आदेश, 1988 20. अंकेक्षण की नवीन प्रवृत्तियाँ |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. बी. के. मेहता एवं डॉ. कुमारी अनामिका हैँ| डॉ. बी. के. मेहता पूर्व अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर पूर्व डीन एवं अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, जमशेदपुर वीमेन्स कॉलेज, जमशेदपुर एवं डॉ. कुमारी अनामिका सहायक प्राध्यापिका, वाणिज्य विभाग, द ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वीमेन्स, जमशेदपुर।
ISBN | 978-81-19142-75-0 |
Size (cm) | 24 x 18 x 4 |
Weight (Gram) | 500 |
Pages | 424 |
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