विषय सूची:-`
भाग ‘ अ ‘ : मुद्रा एवं बैंकिंग
1. मुद्रा – परिभाषा व कार्य 2. मुद्रा की भूमिका ( महत्व ) -पूँजीवादी, सामाजवादी एवं मिश्रित अर्थव्यवस्थाओं में 3. मुद्रा के प्रकार 4. मुद्रामान – स्वर्णमान 5. द्वि – धातुमान 6. पत्र मुद्रामान एवं नाट निर्गमन के सिद्धान्त 7. ग्रेशम का नियम 8. मुद्रा के सिद्धान्त – परिमाण सिद्धान्त व कैम्ब्रिज सिद्धान्त 9. कीन्स का मौलिक समीकरण 10. मुद्रा मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा वचत एवं विनियोग सिद्धान्त 11. मुद्रा के मूल्य में परिवर्तन – मुद्रा प्रसार, मुद्रा संकुचन, मुद्रा विस्फीति तथा मुद्रा संस्फीति 12. माँग – प्रेरित स्फीति एवं लागत – वृद्धि स्फीति 13. फिलिप्स वक्र – रोजगार और स्फीति में सम्बन्ध 14. निर्देशांक ( सूचकांक ) 15. मुद्रा की पूर्ति 16. बैंक – परिभाषा, कार्य, प्रकार व महत्व 17. व्यापारिक ( वाणिज्यिक )बैंकिंग – अर्थ, प्रकार एवं कार्य 18. बैंकों द्वारा साख सृजन 19. बैंक का स्थिति – विवरण ( चिट्ठा ) 20. मौद्रिक एवं गैर – बैंकिंग वित्तीय मध्वस्त्र 21. मौद्रिक नीति एवं सस्ती मुद्रा नीति 22. भारत में वाणिज्य बैंकिंग 23. भारतवर्ष में बैंकिंग में आधुनिक सुधार 24. केन्द्रीय बैंक एवं उसके कार्य 25. रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया 26. भारतीय रिजर्व बैंक एवं मौद्रिक नियन्त्रण अथवा भारत का मौद्रिक नीति |
भाग ‘ ब ‘ : अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
1. अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र – अर्थ व महत्व 2. अन्तर्खेत्रीय व्यापार तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार 3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रतिष्ठित सिद्धान्त ( एडम स्मिथ एवं डेविड – रिकार्डो के सिद्धान्त ) 4. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का अवसर लागत सिद्धान्त 5. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धान्त या हैक्शर – ओहलिन सिद्धान्त 6. व्यापार की शर्ते एवं पारस्परिक माँग का सिद्धान्त 7. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से लाभ 8. स्वतन्त्र व्यापार और संरक्षण 9. तटकर अथवा प्रशुल्क ( सीमा शुल्क ) 10. आयात अभ्यंश 11. व्यापार सन्तुलन एवं भुगतान सन्तुलन 12. अवमूल्यन व रुपये की परिवर्तनीयता 13. विदेशी व्यापार गुणक 14. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा – कोष 15. अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक 16. विश्व व्यापार संगठन 17. भारत में विदेशी व्यापार एवं निर्यात प्रोत्साहन 18. भुगतान सन्तुलन एवं आयात प्रतिस्थापन 19. नवीन अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था 20. विदेशी विनिमय दर एवं उसका निर्धारण |
अतिरिक्त जानकारी :
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. पुष्पा सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ.पुष्पा सिन्हा की शैक्षिक योग्यता में एम.ए., एल.टी. और पी.एच.डी. की डिग्री शामिल है।
ISBN | 978-93-5047-344-3 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2 |
Weight (Gram) | 450 |
Pages | 417 |
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