विषय सूची:-
1. अर्थशास्त्र की परिभाषा, क्षेत्र व विधियाँ 2. अर्थशास्त्र के नियमों की प्रकृति व आधारभूत धारणाएँ 3. उपयोगिता या तुष्टिगुण विश्लेषण : गणनावाचक एवं क्रमवाचक दृष्टिकोण 4. उपभोक्ता की बचत 5. तटस्थता वक्र विश्लेषण : प्रकृति एवं उपभोक्ता सन्तुलन 6. तटस्थता वक्र विश्लेषण : आय प्रभाव, प्रतिस्थापन प्रभाव एवं कीमत प्रभाव 7. उद्घाटित ( प्रकट ) अधिमान ( पसन्दगी ) सिद्धान्त 8. माँग फलन ( प्रकार्य ) एवं माँग नियम 9. माँग की मूल्य – सापेक्षता ( लोच ) 10. उत्पादन की अवधारणाएँ, उत्पादन फलन व कारकों का संयोजन ( सम्मिश्रण ) 11. दीर्घकाल में उत्पादन फलन : समोत्पाद वक्र विश्लेषण व कारकों का अनुकूलतम सम्मिश्रण या संयोजन 12. उत्पादन के नियम : परिवर्तनशील अनुपातों का नियम 13. अध्याय पैमाने के प्रतिफल 14. अल्पकाल एवं दीर्घकाल में उत्पादन लागत वक्र 15. प्रतिनिधि फर्म, साम्य फर्म एवं सर्वोत्तम फर्म 16. बाजार संरचना 17. पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म एवं उद्योग का सन्तुलन 18. एकाधिकार : कीमत व उत्पादन निर्धारण 19. एकाधिकार के अन्तर्गत कीमत-विभेद 20. एकाधिकृत प्रतियोगिता की प्रकृति 21. आर्थिक प्रणालियाँ : पूँजीवाद, समाजवाद एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था 22. संसाधनों के आबंटन की समस्या अथवा अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या 23. वितरण : अवधारणा एवं मापन, राष्ट्रीय आय का वितरण तथा शुद्ध आर्थिक कल्याण 24. वितरण का सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त 25. लगान का सिद्धान्त 26. मजदूरी का सिद्धान्त 27. ब्याज का सिद्धान्त 28. लाभ का सिद्धान्त 29. गणितीय अवधारणाएँ एवं उनका अर्थशास्त्र में उपयोग |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक डॉ. वी.सी. सिन्हा एवं डॉ. पुष्पा सिन्हा हैं। डॉ. वी. सी. सिन्हा पूर्व कुलपति एवं विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक प्रशासन विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सेवानिवृत्त हैँ। डॉ.पुष्पा सिन्हा की शैक्षिक योग्यता में एम.ए., एल.टी. और पी.एच.डी. की डिग्री शामिल है।
ISBN | 978-93-5047-239-2 |
Size (Cm) | 24 x 18 x 2.0 |
Weight (Gram) | 500 |
Pages | 436 |
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